इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन नज़दीक आ रही है. ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना भी शुरू कर दिया है. आमतौर पर हर साल इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रहती है. ऐसे में अगर आप एक टैक्स पेयर हैं तो जाहिर है कि आपने भी आईटीआर फाइल करने की तैयारी शुरू कर दी होगी. लेकिन खबर है कि सरकार मिडिल क्लास को राहत देने के लिए टैक्स में छूट का ऐलान कर सकती है.
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आज हम इसी पर विस्तार से बात करेंगे जानेंगे कि मोदी सरकार बजट में टैक्स पेयर्स को किस तरह की सौगात दे सकती है. और इस छूट का फायदा किन लोगों को मिल सकता है. फिलहाल टैक्स की दरें क्या है और बजट में आर्म टैक्स पेयर्स के लिए किस तरह के बड़े ऐलान हो सकते हैं. इन तमाम चीजों पर आज हम बात करेंगे.
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आने वाले वक्त में देश के करोड़ों टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है. मोदी सरकार फुल बजट में टैक्स घटाने का ऐलान कर सकती है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से यह खबर चल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार कुछ कैटेगरी के लोगों के लिए पर्सनल इनकम टैक्स रेट्स को कम करने पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला फुल बजट जुलाई के तीसरे हफ्ते में पेश कर सकती है.
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इस दौरान सरकार लोगों को इनकम टैक्स दरों में राहत का ऐलान कर सकती है. अब हम यह जानते हैं कि आखिर सरकार को यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ गई है. तो इसके पीछे कई कारण है. वोटिंग के बाद किए गए सर्वे से पता चला है, कि वोटर्स महंगाई बेरोजगारी और घटती हुई इनकम को लेके काफी चिंतित हैं. इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के साथ विकास कर रही है लेकिन देश में खपत की रफ बेहद धीमी है.
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भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स यानी जीडीपी 8.2% की दर से बढ़ी है. जो कि दुनिया में किसी भी देश की जीडीपी की रफ्तार से कहीं ज्यादा है. लेकिन अगर खपत के मोर्चे पर देखें तो यह महज 4% की रफ्तार से बढ़ी है. प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा था, कि उनकी नई सरकार का पूरा फोकस मिडिल क्लास की बचत बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने पर रहेगा. रॉयटर्स के मुताबिक सूत्रों का कहना है है कि पर्सनल इनकम टैक्स रेट में कटौती से मिडिल क्लास के लिए सेविंग्स बढ़ेंगी. उस पैसे को लोग खर्च करेंगे तो इकॉनमी में खपत भी बढ़ सकती है.
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अब हम यह समझते हैं कि टैक्स छूट का फायदा किसे मिल सकता है. रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे टैक्स पेयर्स जिनकी सालाना आय 15 लाख से ज्यादा है. उन्हें टैक्स में कुछ छूट दी जा सकती है हालांकि छूट की सीमा को अभी तय किया जाना बाकी है. इतना ही नहीं रिपोर्ट बताती है कि मिडिल क्लास को टैक्स में राहत देने के लिए 2020 में लागू किए गए नए इनकम टैक्स रेजीम में भी बदलाव देखने को मिल सकता है. आयकर नियमों के मुताबिक अभी ₹15 लाख तक सालाना कमाने वालों को 5 से 20% तक टैक्स चुकाना होता है जबकि ₹15 लाख से ज्यादा कमाई वाले लोगों को 30% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है.
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रॉयटर्स के मुताबिक एक सूत्र ने बताया है कि जब एक आदमी की सालाना इनकम 3 लाख से बढ़कर 15 लाख हो जाती है. तो पर्सनल इनकम टैक्स की दर छह गुना बढ़ जाती है. जो कि बहुत ही ज्यादा है. कहा जा रहा है कि सरकार ₹10 लाख तक की सालाना इनकम वालों के लिए पर्सनल इनकम टैक्स रेट में कमी करने पर विचार कर सकती है. क्योंकि पुरानी इनकम टैक्स रेजीम के तहत ₹10 लाख सालाना से ज्यादा कमाई करने वालों को 30% जितनी ऊंची दर से टैक्स चुकाना होता है. इसलिए सरकार इसमें बदलाव करने पर चर्चा कर रही है.
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बता दें कि देश में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 8 करोड़ को पार कर गया था. इससे पता चलता है कि देश में टैक्स देने वालों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन सरकार ने फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट ने आम आदमी को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी थी. पुरानी टैक्स रेजीम चुनने पर अभी भी आपकी ₹2.5 लाख तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी. सरकार मार्च 2025 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में जीडीपी के 5.1 पर के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रख रही है.
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बहरहाल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं. 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था. नए टैक्स लैब में टैक्स फ्री इनकम का दायरा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया गया था. लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन छीन लि गए. वहीं अगर आप पुराना टैक्स लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. पुरानी टैक्स रेजीम पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 8c के तहत ₹1.5 लाख तक का डिडक्शन मिलता है. इसके अलावा और भी कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा पुरानी रेजीम में टैक्स पेयर्स को मिलता है.
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एक और बड़ा फर्क यह है कि पुरानी रेजीम में सेक्शन 87a के तहत रिबेट के बाद 5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री होती है, जबकि नई रेजीम में 7.5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है. ध्यान रहे कि अगर आप डेडलाइन यानी कि 31 जुलाई 2024 से पहले रिटर्न फाइल कर देते हैं. तो आपको कई तरह के फायदे मिलते हैं. पहला फायदा तो यही है कि आपको इस पर कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं देनी पड़ेगी. इसके साथ ही सामान्य तरीके से नॉर्मल तरीके से आप टीडीएस क्लेम कर सकते हैं.